
सीकर. श्री यादे माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने अपने दो दिवसीय सीकर दौरे के दौरान आमजन की समस्याएं सुनी और उनके शीघ्र समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। दौरे की शुरुआत उन्होंने खाटू श्याम मंदिर दर्शन से की और रात्रि विश्राम सीकर सर्किट हाउस में किया। उन्होंने नवलगढ़ रोड स्थित कुमावत छात्रावास में आयोजित माटीकला जागरूकता शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
शिविर को संबोधित करते हुए बोर्ड अध्यक्ष टाक ने कहा कि राजस्थान सरकार की ओर से माटीकला को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले बजट में 1000 मिट्टी गूंथने की मशीनों की घोषणा की गई थी, जिसे इस बार दुगुना कर दिया गया है। साथ ही विद्युत चालित चाक और अन्य उपकरणों के वितरण से कारीगरों की उत्पादकता और आमदनी दोनों में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि पारंपरिक कारीगर आज भी पैरों से मिट्टी गूंथते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि हम यह मशीनें देते समय एक वादा लेते हैं कि आप बच्चों की पढ़ाई नहीं रुकवाएंगे।
प्रहलाद राय टांक ने जानकारी दी कि इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से 10 लाभार्थियों का चयन किया जाएगा और चयनित कारीगरों को 10 दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान न केवल परंपरागत बर्तन निर्माण, बल्कि राजस्थान की विविध माटीकला शैलियों—जैसे राजसमंद की टेराकोटा, पोकरण की पॉटरी, रामगढ़ की कागजी पॉटरी और शावा की मुखौटा कला से भी उन्हें परिचित कराया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा माटीकला कारीगरों के लिए एक बड़ी राहत देते हुए मिट्टी पर लगने वाली रॉयल्टी समाप्त कर दी गई है, जिससे अब कारीगरों को किसी प्रकार की कानूनी परेशानी नहीं होगी। टांक ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना और राज्य सरकार की माटीकला योजनाओं को “स्वरोजगार से स्वावलंबन” की दिशा में एक मजबूत कदम बताया। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दी जा रही मशीनों से अब कई कारीगरों की मासिक आमदनी 1 लाख रूपये तक पहुँच रही है। कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज बाटड़, कुमावत समाज के गणमान्य सदस्य, महिला-पुरुष बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।